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हाथों की लकीर बनाकर रखती है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

हाथों की लकीर बनाकर रखती है

  • 67
  • 1 Min Read

किसीको अमीर तो किसीको फ़कीर बनाकर रखती है
जिंदगी मुख़्तलिफ सब की तक़दीर बना कर रखती है!

शानो - शौकत से गई गुज़र कहीं मुश्क़िल से हुई बसर
अलग-अलग सबके हाथोंकी लकीर बनाकर रखती है!

© 'बशर' بشر.

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