कवितानज़्म
*भगवान*
कण कण में भगवान
क्षण क्षण में भगवान
हर मन में है भगवान
जन जनमें है भगवान
नभ व्योम में भगवान
सूर्य सोम में भगवान
कायनात में भगवान
दिन रात में भगवान
हर पंथ में है भगवान
हर जात में भगवान
तुझमें मुझमें भगवान
हम में सबमें भगवान
है कोई नहीं अनजान
सर्वविदित है भगवान
© 'बशर' بشر.