Or
Create Account l Forgot Password?
कवितानज़्म
बहोत सरल है अरे 'बशर' येह जीवन अनमोल सहज सुगम ले बना इसे सब से हंस कर बोल सब से हंस कर बोल छोड़ कर सब अना तिरी बांटेसे बढे खुशी बंदपड़े अपने घटके पट खोल © बशरبشر.