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बंदपड़े अपने घटके पट खोल - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

बंदपड़े अपने घटके पट खोल

  • 41
  • 1 Min Read

बहोत सरल है अरे 'बशर' येह जीवन अनमोल
सहज सुगम ले बना इसे सब से हंस कर बोल

सब से हंस कर बोल छोड़ कर सब अना तिरी
बांटेसे बढे खुशी बंदपड़े अपने घटके पट खोल

© बशरبشر.

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