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रिश्तों को बेघर कर जाएं - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

रिश्तों को बेघर कर जाएं

  • 31
  • 1 Min Read

रक़ीब हरकतें ना इस क़दर कर जाएं
इधर हु ई बातें हमारी उधर कर जाएं

कहीं इतनी गहरी भी न घर कर जाएं
के येह बातें रिश्तों को बेघर कर जाएं

© बशरبشر.

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