Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
रिश्तों को बेघर कर जाएं - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

रिश्तों को बेघर कर जाएं

  • 27
  • 1 Min Read

रक़ीब हरकतें ना इस क़दर कर जाएं
इधर हु ई बातें हमारी उधर कर जाएं

कहीं इतनी गहरी भी न घर कर जाएं
के येह बातें रिश्तों को बेघर कर जाएं

© बशरبشر.

logo.jpeg
user-image
तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
1663935559293_1726911932.jpg
ये ज़िन्दगी के रेले
1663935559293_1726912622.jpg
यादाश्त भी तो जाती नहीं हमारी
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg