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ख़राब वक़्त में हमने अकेले ही दिन बिताए - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

ख़राब वक़्त में हमने अकेले ही दिन बिताए

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ख़राब वक़्त में हमने अकेले ही अपने दिन बिताए
अब कोई फ़र्क नहीं पड़ता कोई आए याफिर जाए

हिज्र-ए-यार का ग़म ना विसाल-ए-हबीब की खुशी
मुर्शिद मिरे मर्जी तेरी किसीसे जुदा करे या मिलाए

© 'बशर' بشر.

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