Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
अक्ल-मंद बनकर जियें - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

अक्ल-मंद बनकर जियें

  • 84
  • 1 Min Read

जमाने के लिए बे -शक मंद -अक्ल बनकर जियें
मग़र खुद केलिए हमेशा अक्ल-मंद बनकर जियें
© 'बशर' بشر.

logo.jpeg
user-image
तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
1663935559293_1726911932.jpg
ये ज़िन्दगी के रेले
1663935559293_1726912622.jpg
यादाश्त भी तो जाती नहीं हमारी
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg